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चैम्पियनशिप पदक
इस त्रिमास में 'जि० एस० आ० एस० आ० ' की ओर से एथलेटिक चैम्पियनशिप की जो प्रतियोगिताएं हुई थीं, उनमें हर उपदल के चैम्पियन को उपहारस्वरूप चैम्पियनशिप पदक मिला था । यह पदक एक सुनहरे कुछ के रूप में है जिसके बीच में लाल रंग का चक्र है और चक्र मे सें बारह सफेद किरणें निकल रहीं हैं ।
पद के आकार और रंग का गुह्य अर्थ हैं और उसकी व्याख्या इस तरह की जा सकतीं हैं:
कछुआ पार्थिव अमरता, यानी, इस धरती पर भौतिक सत्ता की अमरता का प्रतीक हैं । लाल केंद्र आलोकित भौतिक का प्रतीक हैं और इससे ''सत्य' के समग्र 'प्रकाश' का बारह किरणें निकल रही हैं । किरणें आकार में गोलाई लिये हुए हैं और यह बताती हैं कि 'प्रकाश' स्वभाव. से गतिशील है और क्रिया में लगा हैं ।
कछुए का अपना सुनहरा रंग यह बताता हैं कि इस पार्थिव अमरता को ' अति- मानस' सहारा दे रहा है और केवल वही रूपांतर साध सकता हैं ।
('बुलेटिन', नवम्बर १९४९)
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